Chattwala Bhoot Part 3
Chattwala bhoot part 3 – शाम का वक़्त था मुकेश ने अपना खाना ख़तम कर के उसकी पत्नी लक्ष्मी को फ़ोन किया और फ़ोन पर बात करते करते न जाने मुकेश को क्या सूजी मुकेश के कदम घर की छत की जाने वाली सीढ़ियों की और बढ़ गए।
Chattwala bhoot part 3 – शाम का वक़्त था मुकेश ने अपना खाना ख़तम कर के उसकी पत्नी लक्ष्मी को फ़ोन किया और फ़ोन पर बात करते करते न जाने मुकेश को क्या सूजी मुकेश के कदम घर की छत की जाने वाली सीढ़ियों की और बढ़ गए।
वो याद आये — Vo Yaad Aaye
मोहन बाबू चाहते थे माँ को एक अच्छी और खुशहाल ज़िदगी देना परन्तु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और मोहन बाबू की ज़िंदगी के स्वर्णिम दिन…
मुकेश के अचानक तेज़ हुए स्वर को लक्ष्मी ने समझते हुए कहा अच्छा कोई बात नहीं पर शाम को खाना खाने घर तो आ रहे हो या खाना भी वही बन रहा हे ? लक्ष्मी के इस प्रश्न ने मानो जैसे मुकेश को सपनो की दुनिया से निकल कर हकीकत के धरातल पर रख दिया ओर लक्ष्मी के इस प्रश्न से झेपते हुए मुकेश ने कहा।
फेसबुक पर गर्लफ्रेंड मिली – जैसे ही सुबह उठते ही नेट चालू किया तो फेसबुक के नोटिफिकेशन में किसी नैना के नाम की फ्रेंड रिक्वेस्ट आने की खबर मिली…..
न ज़िद्द बदली न ख्वाइशे बदली – न ज़िद्द बदली न ख्वाइशे बदली
हा बस इस युग में
Chinti ko kabhi pahad par chadate hue dekha he? – आपने यह वीडियो अब तक नहीं देखा हे तो आपकी सुविधा के लिए हम उस वीडियो का लिंक आपको यहाँ पर उपलब्ध..
छत्तवाला भूत –
बेचारी प्राची जो अब तक काफी डर चुकी थी धीमे स्वर में बोली क्या हुआ ? तुम ठीक तो हो ? प्लीज् बताओ !
नविन ने प्राची को बिच में रोकते हुए कहा यार…
बचपन में जब स्कूल नहीं जाना होता था तो हमें बुखार आ जाता था। मम्मी- पापा सिर पर हाथ रख कर देखते और कहते कि सिर तो ठंडा है। पर हम भी अपनी बातों में अड़े रहते….
अपना घर सवार लू
जब भी वेदिका अपने ससुराल में किसी भी बात में शामिल होने की कोशिश करती या अपनी बात रखने की कोशिश करती तो, सभी लोग उसे सवालीया नजरों से देखने लगते
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