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Chattwala Bhoot Part 4

Chattwala Bhoot Part 4 यह कहानी हमारी पिछली कहानी छत्तवाला भूत पार्ट 3 के आगे आगे का हिस्सा हे! अब तक तो मेने इस घर का कोना कोना छान लिया हे, न कोई भूत हे

SHORT HINDI STORY

Yogesh Chandra Sharma

1 min read

Chattwala Bhoot Part 4
Chattwala Bhoot Part 4

Chattwala Bhoot Part 4

कहानी लेखक :- योगेश चंद्र शर्मा

यह कहानी हमारी पिछली कहानी छत्तवाला भूत पार्ट 3 के आगे आगे का हिस्सा हे!

लीगल राइट्स - यह कहानी पूर्णतया कल्पना पर आधारित हे जिसका किसी वास्तविक जीवन से कोई लेना देना नहीं हे एवं लेखक ने स्वयं इसे कल्पना के आधार पर लिखा हे यदि कोई व्यक्ति इस कहानी को कही भी किसी भी रूप मे काम मे लेता हे तो उस व्यक्ति को पहले लेखक को इस कहानी का पूर्ण भुगतान करना होगा। यदि कोई व्यक्ति लेखक की अनुमति के बिना अपने काम मै लेगा तो लेखक को स्वतंत्र रूप से उस व्यक्ति पर क़ानूनी कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार होगा। जिसके समस्त हर्जे खर्चे का जिम्मेदार इस कहानी का दुरूपयोग करने वाला वह व्यक्ति स्वयं होगा। कृपया कहानी को लेखक से ख़रीदे बिना कही भी प्रयोग मै न लाये।

यदि आप इस कहानी को एड के बिना पढ़ना चाहते हे तो आप अमेज़न या classbuddy.in वेबसाइट पर इसकी ebook खरीद कर पढ़ सकते हे।

काफी दिनों से इस घर मे हु और अब तक तो मेने इस घर का कोना कोना छान लिया हे, न कोई भूत हे न ही कोई भूतनी लोगो ने बेवज़ह ही इस घर को छत्तवाले भूत के नाम से बदनाम कर रखा हे, आज बहुत दिनों बाद छत्त पर गुमने का मन कर रहा हे वैसे भी जबसे इस घर मे आया हु तब से एक भी बार मै इस घर की छत्त पर नहीं गया हु।
(लक्ष्मी ने कहा) - सुनो रात हो चुकी हे अभी मत जाओ वैसे भी ये घर छत्त।।।
लो मै तो आ भी गया छत्त पर, सीढिया चढ़ते समय ही तो तुमसे बात कर रहा था।।। मस्त ठंडी ठंडी हवा चल रही हे और एक अलग ही सुकून भी महसूस हो रहा हे । मुकेश ने लक्ष्मी की बात को बिच मे काट कर नॉनस्टॉप बोलना शुरू कर दिया।
लक्ष्मी ने कहा - हवा तो मस्त चल रही हे लेकिन ये घर ।।
लेकिन किन्तु-परन्तु कुछ नहीं, अब तो बस आज की ये रात और सुकून से निकल जाये कल तुम सभी को यहाँ ले आऊंगा फिर तुम खुद ही आ कर देख लेना यहाँ कोई भूत हे या नहीं । एक बार फिर से मुकेश ने लक्ष्मी की बात को पूरा करने से रोकते हुए बिच मे ही बोल दिया।
वैसे भी इस घर मै भूत होता तो मै अभी तक तो उसको मार मार के भगा देता।। (मुकेश शेखी बघारते हुए बोले जा रहा था)
आप समझ नहीं रहे हो।। आपने ही कहा था इस घर को छत्तवाला भूत के नाम से जाना जाता हे, और अभी आप छत्त पर ही हो।। जल्दी से निचे जाओ।।। लक्ष्मी ने घबराये हुए स्वर मे पूरी बात एक ही बार मै बिना मुकेश के फिर से बिच मे बोलने से पहले बोल दी।
#मुकेश का माथा एक दम से ठनका उसे लक्ष्मी की बात मे दम लगा और जिस तरह से लक्ष्मी ने बिना रुके बोला उस गंभीर स्वर को सुन कर मुकेश बिना भूत के ही मन ही मन काफी #डर गया।
हा मै अभी जाता हु निचे। (मुकेश ने कहा और तेज़ कदमो से निचे जाने के लिए दरवाजे की और बढ़ा)
जैसे ही मुकेश छत्त पर प्रवेश के लिए दरवाजे की और बढ़ा दरवाजा जोर से आवाज़ के साथ एक दम से बंद हो गया।
क्या हुआ ? (लक्ष्मी ने डर कर पूछा)
मै निचे जाने लगा पर एक दम से दरवाजा अपने-आप ही बंद हो गया। (मुकेश ने डरे मन के साथ अपने दिल की बढ़ती धड़कनो पर काबू रखते हुए कहा)
मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा आप कैसे भी कर के जल्दी से निचे जाइये। (लक्ष्मी का डरना स्वभाविक था)
जाना तो मै भी चाहता हु पर जाऊ कैसे दरवाजा ही बंद हो गया और खुल भी नहीं रहा। (मुकेश ने दरवाजे को जोर जोर से धक्का देने के प्रयास करते हुए कहा)
तभी एक साया दरवाजे के उप्पर बढ़ता हुआ दिखा, जैसे मनो मुकेश के पीछे कोई खड़ा हो और उस पीछे खड़े व्यक्ति की परछाई हो। मुकेश का मन भय से पूर्ण रूप से भर चूका था सही मायने मे अब मुकेश मे हिम्मत ही नहीं हो रही थी मूड कर पीछे देखने की फिर भी और कोई रास्ता तो अब मुकेश के पास था नहीं मुकेश ने पीछे मूड कर देखने का प्रयास किया।
जैसे ही मुकेश ने पीछे देखा वहा मुकेश को वही घर दिखा जो उस दिन उसने बहार की तरफ से देखा था।
ओह तो ये उस घर की परछाई हे। मुकेश ने दबी आवाज़ मे कहा ।।
कोनसे घर की परछाई (लक्ष्मी ने पूछा )
अरे कुछ नहीं।। बोलते हुए जैसे ही मुकेश ने अपना मुँह छत्त के प्रवेश द्वार की और किया वैसे ही उसे एक खौफनाक चेहरा दिखा, वो चेहरा किसी औरत का था।।

मुकेश की बोलती पूरी तरह से बंद हो चुकी थी।।। मुकेश ने डर कर छत्त के दूसरे भाग मे भागने का प्रयास किया परन्तु छत्त पर होने की वजह से मुकेश के पास छत्त से निचे जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था जो की बंद था और वही वो साया तो था।
मुकेश दौड़ कर छत्त की डोली की तरफ भागा ताकि किसी को मदद के लिए आवाज़ लगा कर दरवाजा खुलवा सके।
जैसे ही मुकेश उस छत के डोली वाले भाग के नज़दीक पंहुचा वैसे ही एक दम से किसी ने मुकेश को हवा मे उठा लिया, मुकेश का डर के मारे बहुत बुरा हाल हो गया और अब तो इस तरह अचानक उठाये जाने से मुकेश हद से ज्यादा डर चूका था, इसी डर के कारण मुकेश का फ़ोन उसके हाथ से छूट कर सीधा निचे ज़मीन पर जा गिरा।।
फ़ोन जमीं पर गिरते ही टूट गया, इतने उप्पर से गिरे फ़ोन का टूटना स्वाभाविक ही था, पर जब फ़ोन का इतना बुरा हाल हुआ हे तो मुकेश का क्या हाल होगा ये बात मोबाइल के हाल से साफ जलक रही थी।।
मुकेश अब तक छत्त से काफी उप्पर उठ कर हवा मे लटक रहा था, जहा उसके पेरो के निचे छत्त की जमीन भी नहीं थी, मकान के निचे गुजरते लोगो का ध्यान उस मकान के उप्पर की और गया क्योकि मुकेश का फ़ोन धमाके से निचे गिरा था ऐसे मे आस पास जितने भी लोग थे सबने उप्पर की और देखना शुरू किया।
लोगो के होश उड़ गए जब उन्होंने उप्पर मुकेश को हवा मे इस तरह उड़ते हुए देखा, लोगो को समझ ही नहीं आ रहा था वो आखिर करे तो क्या करे।
उधर उप्पर से मुकेश जोर जोर से बचाओ बचाओ की आवाज़े लगा कर लोगो को मदद के लिए पुकारे जा रहा था।। सब कुछ काफी खौफनाक था , अचानक से घर के निचे खड़े लोगो पर छत्त से छत्त पर रखे पुराने सामानो का कबाड़ गिरने लगा, लोगो ने अपनी जान बचा कर इधर उधर भागना शुरू कर दिया।
मै माफ़ी मांगता हु मुझे माफ़ कर दो।। मुझे जाने दो।। मै दुबारा कभी इस घर मे नहीं आऊंगा।। मुकेश ने रोते हुए जोर जोर से चिल्ला कर माफ़ी मांगना शुरू किया।। मुझे माफ़ कर दो मुझसे गलती हो गयी।
निचे अफरा तफरी मे भागते हुए लोगो के जुबान पर एक ही बात थी घर के मालिक को छत्तवाले भूत #Chattwale Bhoot ने पकड़ लिया।।
और तभी एक दम से मुकेश का शरीर जोरदार धमाके के साथ आ कर घर के निचे आ कर गिरा।।।
इतनी उचाई से गिरने के कारण मुकेश की उसी वक़्त मौत हो गयी।
लोगो ने छत्त की और देखा वहा कोई नहीं था, ये सारा मंजर उस सड़क से गुजरने वाले हर शख्स ने अपनी आँखों से देखा था और सबके जुबान पर बस इसी घटना की बात थी, जिसकी की जुबान खुली बस एक ही बात सुनने मिली उस घर मे कभी मत जाना, वहा छत्तवाला भूत Chattwala Bhoot हे।