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Me or Dusari Dunia Part 2

Me or Dusari Duniya - मेने भी जिकारुल की बात पर गौर करने पर यही पाया की जिकारुल की बात तो सही हे भविष्य देखने से ज्यादा बड़ा चमत्कार और क्या हो सकता हे इस दुनिया में। ये शक्ति न सिर्फ मुझे धनवान बना सकती हे बल्कि इससे...

ENTERTAINMENTSHORT HINDI STORY

Yogesh Sharma

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Me or dusari dunia part 2
Me or dusari dunia part 2

Me or Dusari Dunia Part 2

मै और दूसरी दुनिया भाग 2

लीगल राइट्स – यह कहानी पूर्णतया कल्पना पर आधारित हे जिसका किसी वास्तविक जीवन से कोई लेना देना नहीं हे एवं लेखक ने स्वयं इसे कल्पना के आधार पर लिखा हे यदि कोई व्यक्ति इस कहानी को कही भी किसी भी रूप मे काम मे लेता हे तो उस व्यक्ति को पहले लेखक को इस कहानी का पूर्ण भुगतान करना होगा। यदि कोई व्यक्ति लेखक की अनुमति के बिना अपने काम मै लेगा तो लेखक को स्वतंत्र रूप से उस व्यक्ति पर क़ानूनी कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार होगा। जिसके समस्त हर्जे खर्चे का जिम्मेदार इस कहानी का दुरूपयोग करने वाला वह व्यक्ति स्वयं होगा। कृपया कहानी को लेखक से ख़रीदे बिना कही भी प्रयोग मै न लाये।

यह कहानी "मै और दूसरी दुनिया पार्ट-1" के आगे का हिस्सा हे।

कहानी लेखक :- योगेश चंद्र शर्मा

जिकारुल अब एकदम गंभीर हो कर बात कर रहा था, जैसे वो मुझे जल्दी से जल्दी सब बाते बता कर उसके मकसद में साथ देने के लिए राजी करना चाहता था।
तुम्हारा फायदा हे।। तुम भविष्य देख कर और उसे लोगो को बता कर इस इंसानी दुनिया के सबसे बड़े आदमी बन सकते हो। (जिकारुल ने कहा)
मेने भी जिकारुल की बात पर गौर करने पर यही पाया की जिकारुल की बात तो सही हे भविष्य देखने से ज्यादा बड़ा चमत्कार और क्या हो सकता हे इस दुनिया में। ये शक्ति न सिर्फ मुझे धनवान बना सकती हे बल्कि इससे में लोगो की नज़र में भगवन तक बन सकता हु। सौदा करना तो बुरा नहीं होगा। (मन ही मन सोचते हुए मेने पूछा ) परन्तु इसके लिए मुझे क्या करना होगा? कोई भी मुझे इतनी आसानी से ये शक्ति देगा।
जिकारुल ने अपनी आँखों में उम्मीद की एक चमक दिखाते हुए कहा - तुम्हे हमारा साथ देना होगा।
साथ देना होगा? किस चीज़ में ? (मेने आश्चर्य से पूछा )
इंसानो से हमारी प्रजाति को बचाने में (जिकारुल ने कहा)
तुम्हारी प्रजाति इंसानो की वजह से खतरे में हे ? (मेने पूछा)
हा, इंसान अंतरिक्ष में खोज बिन कर रहे हे और वही हमारा ग्रह भी हे जिसपे इंसान कभी भी पहुंच सकते हे, उन्हें वहा पहुंचने से रोकने के लिए सिर्फ तुम ही हमारी मदद कर सकते हो। (जिकारुल ने उम्मीद भरे स्वर में कहा)
परन्तु में कैसे ? में कोई वैज्ञानिक नहीं, न ही में कोई इतना बड़ा आदमी हु जिसकी बात पूरी दुनिया सुने।
हा पर तुम भविष्य देखने की इस शक्ति के जरिये लोगो को अपनी बात मनवाने पर मजबूर कर सकते हो। (जिकारुल ने कहा)
ठीक हे में अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूँगा, बताओ ये शक्ति मुझे कैसे मिलेगी और कैसे काम करेगी (मेने जिकारुल की बात में हामी भरते हुए कहा )
इसके लिए तुम्हे मेरी जरूरत होगी। में तुम्हे भविष्य देख कर बताऊंगा और तुम मेरी बात लोगो तक पहुँचाओगे क्युकी में सीधे तोर पर लोगो से बात नहीं कर सकता इसलिए मेरी बात लोगो तक पहुंचाने का जरिया तुम बनोगे। (जिकारुल ने पूरी प्रक्रिया को समजाते हुए कहा )
ठीक हे इसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं। (मेने भी हामी भरते हुए कहा। )
याद रखना हम सिर्फ 7 दिन आगे की होने वाली घटनाओ को ही देख सकते हे उससे आगे की नहीं। (जिकारुल ने आगे अपनी बात में कुछ और शब्द जोड़ते हुए कहा। )
यहाँ एक दिन आगे का भविष्य देखने मिल जाये वही बड़ी बात हे तुम तो फिर भी 7 दिन आगे तक का भविष्य देख पा रहे हो। (मेने जिकारुल का हौसला बढ़ाने के मकसद से अपनी बात कही) सोच कर ही अजीब लग रहा था की में आने वाला कल आज में ही देख पाउँगा…फिर मेने कुछ सोच कर जिकारुल से पूछा क्या हम सिर्फ भविष्य देख पाएंगे या फिर उसे बदल भी पाएंगे।
यदि आप इस कहानी को एड के बिना पढ़ना चाहते हे तो आप अमेज़न या classbuddy वेबसाइट पर इसकी ebook खरीद कर पढ़ सकते हे।
जिकारुल ने कहा हम सिर्फ भविष्य देख सकते हे उसे बदल नहीं सकते।
बात तो सही हे जो बदल जाये वो भविष्य केसा। (मेने भी हामी भर दी)
जिकारुल ने मेरी बात से पूरी तरह संतुष्ठ होने के बाद मुझे एक यन्त्र देते हुए कहा इस यन्त्र के माध्यम से में तुमसे हमारे ग्रह से भी संपर्क में रहूंगा तुम्हे जब भी किसी का भविष्य जानना हो मुझसे बस इस यन्त्र पर दिए बटन को दबा कर संपर्क कर लेना। अभी मुझे वापस अपने ग्रह पर जाना होगा। मेरा यहाँ ज्यादा देर रुकना सही नहीं होगा। यही बोल कर जिकारुल ने फिर से पृथ्वी से अपने ग्रह के लिए उड़ान भरी..
हम दोनों के बिच ये बात-चित लगभग 30 मिनिट तक चली और इस बिच पूरी दुनिया में उस रोशनी की चर्चा फेल चुकी थी। अब हर एक न्यूज़ चैनल पर एलियन के धरती पर आने वाली बात की चर्चा जोरो पर थी। और कही न कही मुझे मन में लग रहा था घर बैठे ही मेने एक मुसीबत मोल ले ली हे।। अब ये मुसीबत क्या होगी और क्या रंग लाएगी ये तो वक़्त ही बताएगा फ़िलहाल मुझे इतना पता हे की में भविष्य देखेंगे वाला वो इंसान हु जिसे खुद अपने भविष्य का पता नहीं।
नोट :- आगे की कहानी आपको पार्ट 3 के माध्यम से मिल जाएगी फिलाहल आपको यहाँ तक की कहानी कैसी लगी इस बात की जानकारी निचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताये और कहानी यदि पसंद आयी हो तो इस कहानी को अपने घर परिवार एवं मित्रो के साथ जरूर शेयर करे।

।।धन्यवाद।।