Short Hindi Story
Chattwala Bhoot Part 4
Chattwala Bhoot Part 4
यह कहानी हमारी पिछली कहानी छत्तवाला भूत पार्ट 3 के आगे आगे का हिस्सा हे!
अब तक तो मेने इस घर का कोना कोना छान लिया हे, न कोई भूत हे
Kharab Khana
मोहन जी के ढाबे की शुरुवात से पहले वो कचोरी समोसे की लारिया लगाया करते थे, काम भी अच्छे से चल रहा था फिर आखिर इस ख़राब खाने की जरूरत क्यों पड़ी, क्यों बेईमानी.
Man bhar gaya
Man Bhar Gaya – मन भर गया
एक व्यक्ति अपनी ही धून में खोया एक गली से गुजर रहा था, अचानक से उसकी नज़र एक घर के बाहर लगे फूलो पर पड़ी, फूल काफी सुन्दर थे, देखते ही..
Me or Dusari Duniya Part 4
Me or Dusari Dunia Part 4
यह कहानी मै और दूसरी दुनिया पार्ट-3 के आगे का हिस्सा हे।
मेरा मन इसी बात पर अटक कर रह गया था और जिकारुल जो की सबका भविष्य देख सकता था.
Me or Dusari Duniya Part 3
शुरुवात में कुछ लोगो ने मेरी इस भविष्य देखने की शक्ति का मज़ाक भी उड़ाया और कुछ ने तो इसे मानने से भी मना कर दिया पर जैसे जैसे इस शक्ति के चमत्कार लोगो को दिखते चले गए लोग मेरी कही हर बात को पत्थर की लकीर की तरह मानने लगे। सब कुछ वैसे ही हो रहा था जैसा..
Me or Dusari Duniya Part 2
Me or Dusari Duniya – मेने भी जिकारुल की बात पर गौर करने पर यही पाया की जिकारुल की बात तो सही हे भविष्य देखने से ज्यादा बड़ा चमत्कार और क्या हो सकता हे इस दुनिया में। ये शक्ति न सिर्फ मुझे धनवान बना सकती हे बल्कि इससे…
Me or Dusari Duniya Part 1
मुझे किसने पुकारा इतनी अजीब आवाज़ मे। चलते चलते मे अब तक रुक चूका था वैसे भी ऐसे समय मे चलने रुकने से ज्यादा ध्यान भागने मे होता परन्तु…
Chattwala Bhoot Part 3
Chattwala bhoot part 3 – शाम का वक़्त था मुकेश ने अपना खाना ख़तम कर के उसकी पत्नी लक्ष्मी को फ़ोन किया और फ़ोन पर बात करते करते न जाने मुकेश को क्या सूजी मुकेश के कदम घर की छत की जाने वाली सीढ़ियों की और बढ़ गए।
Vo Yaad Aaye
वो याद आये — Vo Yaad Aaye
मोहन बाबू चाहते थे माँ को एक अच्छी और खुशहाल ज़िदगी देना परन्तु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और मोहन बाबू की ज़िंदगी के स्वर्णिम दिन…