Short Hindi Story, Entertainment

Chattwala Bhoot Part 1 – छत्तवाला भूत

Chattwala bhoot part 1

कहानी लेखक :- योगेश चंद्र शर्मा

Total words in story – 1238

लीगल राइट्स – यह कहानी पूर्णतया कल्पना पर आधारित हे जिसका किसी वास्तविक जीवन से कोई लेना देना नहीं हे एवं लेखक ने स्वयं इसे कल्पना के आधार पर लिखा हे यदि कोई व्यक्ति इस कहानी को कही भी किसी भी रूप मे काम मे लेता हे तो उस व्यक्ति को पहले लेखक को इस कहानी का पूर्ण भुगतान करना होगा। यदि कोई व्यक्ति लेखक की अनुमति के बिना अपने काम मै लेगा तो लेखक को स्वतंत्र रूप से उस व्यक्ति पर क़ानूनी कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार होगा। जिसके समस्त हर्जे खर्चे का जिम्मेदार इस कहानी का दुरूपयोग करने वाला वह व्यक्ति स्वयं होगा। कृपया कहानी को लेखक से ख़रीदे बिना कही भी प्रयोग मै न लाये।

छत्तवाला भूत

एक दम अँधेरी रात थी और इस अँधेरी रात में नविन का छत पर इधर उधर गुमते फिरते अपनी फ्रेंड प्राची से बातचीत करना जारी था कभी नविन बोल रहा था तो कभी प्राची जिस शिद्दत से दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे उसी शिद्दत से दोनों एक दूसरे की बात सुन भी रहे थे।  काफी कुछ बाते थी और उन्ही बातो में नए नए तर्क वितर्क निकल कर सामने आ रहे थे।

और इन्ही तर्क वितर्क का संतुलन बना रहे इसलिए दोनों के बिच छोटी-मोटी बातो का हल्का फुल्का मज़ाक भी हो रहा था। दोनों एक दूसरे से बात कर के काफी खुश नज़र आरहे थे…यहाँ तक की बातो के बिच बिच में आने वाले तर्क वितर्क भी उनके बिच के रिश्ते की मजबूती को हिला नहीं पाया।

तुम्हे इतनी रात को अकेले छत्त पर घूमते हुए डर नहीं लगता? प्राची ने नविन से पूछा

नविन ने शेखी बघारते हुए कहा अकेला कहा हु ये भी तो मेरे साथ घूम रहा।

साथ हे ? कौन साथ हे तुम्हारे ? मुझे तो लगा तुम अकेले घूम रहे हो छत्त पर।

भूत साथ हे…हाहाहा..नविन ने यकायक हसते हुए कहा।

प्राची को नविन की इस बात पर काफी गुस्सा आया और गुस्से में नविन से बोली तुम्हे इतनी रात में इस तरह के मज़ाक नहीं करने चाहिए।

तो अब क्या एक छोटे से मज़ाक के लिए दिन होने तक का वेट करू ? नविन ने हसते हुए कहा।

अरे नहीं पर ऐसी बात रात में नहीं करते हे। प्राची ने कहा

अच्छा तो ऐसी बात नहीं करते तो कैसी बाते करते हे रात में?? नविन ने थोड़ा सा रोमांटिक अंदाज में प्राची की बात को बिच में ही काटते हुए  प्राची का मूड सही करने के लिए पूछा।

अरे यार आप समझते नहीं हो। प्राची ने चीड़ कर कहा

प्राची के चीड़ जाने से नविन भी खुद की कही बात को सही साबित करने में लग गया जैसे सही साबित करते ही उसे कोई अवार्ड मिल जायेगा।  नविन ने कहना शुरू किया…यार भूतो का कोई रातो पर कॉपीराइट थोड़ी हे में तो आधी रात को भूतो की बाते करूंगा और ये जो मेरे साथ चल रहा हे वो इसे सुनेगा भी…नविन ने अपनी बातो में 4 नए शब्द जोड़ते हुए कहना जारी रखा….सुन रहा हे न भूत …सुनेगा ही वैसे भी इस बेचारे से बात करने वाला यहाँ हे ही कौन मेरे सिवा।

यार तुम सच में पागल हो गए हो प्लीज ऐसी बाते मत करो मुझे सच में काफी डर लग रहा प्राची ने डरते हुए कहा।

नविन ने प्राची की मनोस्थिति को पूरी तरह नज़रअंदाज़ करते हुए उसकी बात का मज़ाक बनाने के लिए अपना कहना जारी रखा …तुम तो यह बात कर रही हो तुम तो वहा बैठी बैठी सिर्फ फ़ोन पर मेरी बाते सुन रही हो और यहाँ मै भूत के साथ ही इधर उधर घूम रहा हु फिर भी में तो भूत से नहीं डर रहा।

नविन का बस इतना सा बोलना हुआ की नविन को कुछ अजीब सा अहसास हुआ । अबे यार ये क्या था।

बेचारी प्राची जो अब तक काफी डर चुकी थी धीमे स्वर में बोली क्या हुआ ? तुम ठीक तो हो ? प्लीज् बताओ !

मुझे एक परछाई दिखी ऐसा लगा मेरे पास से गुजरी हो..लम्बे खुले बाल और एक दम….

मेने तुम्हे मना किया हे न प्लीज ऐसे मज़ाक मत करो मुझे नहीं पसंद प्राची एक दम नविन की बात को बिच में काटते हुए गुस्से में बोली।

नविन जिसे अब तक परछाई का सच में अहसास हो चूका था अब वो अपनी इस बात पर प्राची को यकीन दिलाने के लिए बोला अरे में सच बोल रहा हु मेरी बात मान तो लो। में सच बोल रहा हु मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कोई एकदम से मेरे पास से गुजरा हो फिर जब तुम्हे ये सब बता रहा था तो एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे कोई पीछे से मेरे कंधे के बिलकुल पास आगया हो। पता नहीं ऐसा क्यों हुआ पर ये अभी अभी मुझे महसूस हुआ तो हे।

शायद तुम्हारा भ्रम होगा क्युकी तुम अभी अभी ऐसी ही मनगढ़त कहानिया बना रहे थे प्राची ने कहा।

शायद हो सकता हे तुम सही हो नविन ने प्राची की बात को सही मानते हुए उसकी बात में हामी भरते हुए कहा।

प्राची ने ऐसे खुश होते हुए कहा जैसे कोई जंग जीत गयी हो ..चलो कुछ तो माना तुमने।

नविन ने प्राची को बिच में रोकते हुए कहा … यार प्राची मुझे 2 आंखे मेरे सामने चमकती हुई दिख रही हे।

क्या हुआ मेरी जीत बर्दाश्त नहीं हो रही प्राची ने हसते हुए कहा।

नविन का डर के मारे बुरा हाल हो गया आंखे इतनी तेज़ चमक रही थी नविन अब कुछ बोल पाने की स्थिति में भी नहीं था।

हेलो ..हेलो कुछ बोलो भी यार ….उधर प्राची ने फ़ोन पर नविन को आवाज़ देते हुए कहा

नविन ने जैसे तैसे डरते हुए अपने फ़ोन की लाइट चालू की और लाइट का प्रकाश उन चमकती हुई आँखों पर डाला।।। अरे ये क्या नविन चिल्लाया।

नविन की तेज़ आवाज़ सुन कर प्राची ने आतुर मन से कहा क्या हुआ?

कुछ नहीं यार एक बिल्ली हे इसकी आंखे इतनी चमक रही थी की मै एक दम से कुछ समज ही नहीं पाय।। नविन ने फ़ोन की लाइट सामने बैठी बिल्ली पर डालते हुए कहा। ऐसा लग रहा हे जैसे सारी चीज़े आज ही हो कर रहेगी। नविन ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा।

अच्छा गबराओ मत मेने तो तुम्हे पहले ही कहा यह सब तुम्हारा भ्रम हे। प्राची ने कहा

जो प्राची अब तक नविन से इस बात पर लड़ रही थी की भूत होते हे और रात पड़े भूतो की बाते न करे अब वो नविन को भ्रम के बारे में समजा रही थी और उधर नविन का हाल बेहाल था वो समझ नहीं पा रहा था उसे ऐसा एहसास बार बार क्यों हो रहा हे अचानक से नविन को वो घटना याद आगयी जिसमे शायद नविन को इस बात का जवाब मिल सकता था।

जब यह घर बन रहा था तब इसी की छत्त के निर्माण के दौरान एक मजदूर की छत्त पर से निचे गिरने से मौत हो गयी थी। कही ये वो ही तो नहीं?

बस इतना सा सोचा ही था एक साया हवा मै ज़मीं से उप्पर उठा नविन के ठीक सामने था। ये साया बिलकुल वैसा ही था जैसा अभी थोड़ी देर पहले नविन ने कहा था लम्बे बाल और एक डरा देने वाला साया। नविन कुछ बोल या समझ पता उतने मै वो साया नविन की आँखों के सामने से गायब हो गया।

नविन ने अपना फ़ोन संभालते हुए कहा प्राची यार मुझे कुछ समज नहीं आरहा। प्राची तुम सुन रही हो ?

दूसरी और से नविन को कोई आवाज़ नहीं आरही थी…कही फ़ोन कट तो नहीं गया नविन ने फ़ोन की तरफ देखा।

फ़ोन मै अचानक से वीडियो कॉल चालू हो चूका था और उसके सामने अब प्राची थी जिसकी आंखे चमक रही थी नविन कुछ नहीं समज पा रहा था क्या हो रहा और तभी प्राची ने डरावनी हसी के साथ हसना शुरू किया और कहा छत से चला जा आज के बाद यहाँ दुबारा छत पर मत दिखना अब से यह छत्त ही मेरा घर हे। बहुत डरावनी हसी चारो और गूंजने लगी। नविन डर के मारे दौड़ कर सीढ़ियों की और भागा उधर फ़ोन कट होने के बाद प्राची की आंखे तेज़ लाल हो कर चमक रही थी। और प्राची के चहरे पर एक बहुत ही डरा देने वाला भाव साफ नज़र आरहा था।

यदि आप इस कहानी को एड के बिना पढ़ना चाहते हे तो आप अमेज़न या classbuddy.in वेबसाइट पर इसकी ebook खरीद कर पढ़ सकते हे।

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4 thoughts on “Chattwala Bhoot Part 1 – छत्तवाला भूत

  1. Manisha says:

    Keep writing…..nice work

    1. ReadyNet says:

      Thanks 🙂

  2. Dr Nidhi says:

    नमस्ते लेखक साहब
    बहुत खूब कल्पना है आपकी, साक्षात भूत के दर्शन करवा दिए आपने तो।
    यह बहुत डरावना है। बिल्ली की आँख और वीडियो कॉलिंग वाला दृश्य तो अद्भुत था
    Hat’s off to your imagination.
    Very well done and written

    1. ReadyNet says:

      Thank you so much 🙂

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