Business Solutions, All Topics

Hosting kya hota he or kis type ki hosting mere business ke liye leni chahiye?

Hosting kya hota he

Hosting kya hota he or kis type ki hosting mere business ke liye leni chahiye?

(होस्टिंग क्या होता हे और किस टाइप की होस्टिंग मेरे बिज़नेस के लिए लेनी चाहिए?)

यदि आप भी ऑनलाइन बिज़नेस की शुरुवात करने का सोच रहे और आपकी वेबसाइट के माध्यम से ही आप इस काम को शुरू करना चाहते हे तो इसके लिए आपको होस्टिंग की जरूरत होगी, और होस्टिंग की जरूरत आपकी किसी अच्छी कंपनी की होस्टिंग खरीदने पर पूर्ण हो सकती हे, परन्तु होस्टिंग खरीदने के नाम पर सबसे बड़ा असमंजस आपके दिमाग में यही रहेगा की कोनसी कंपनी की होस्टिंग आपको खरीदनी चाहिए। क्युकी मार्किट में इस वक़्त काफी होस्टिंग कंपनी मौजूद हे और लोगो को लुभावने ऑफर दे कर ये कम्पनिया जैसे तैसे कोशिश करती हे की आप उनके ग्राहक बने और इसके लिए कई बार आपको ऐसे ऑफर तक भी मिल जाते हे जिसपे यकीन करना भी मुश्किल होता हे। कम्पनिया ऐसा क्यों करती हे इसके बारे में आपको इसी लेख में विस्तार से पूरी जानकारी मिल जाएगी सिर्फ 10 मिनिट का कीमती समय निकाल कर यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ लेते हे तो में दावे के साथ कह सकता हु की आप आपके ऑनलाइन बिज़नेस के सफर को आसानी से बिना सर दर्द झेले शुरू कर पाएंगे।
इस लेख को पढ़ने वाले बहुत से ऐसे व्यक्ति भी होंगे जो टेक्नोलॉजी से ज्यादा वाकिफ नहीं हे और होस्टिंग और होस्टिंग कंपनी के बारे में ज्यादा कुछ जानते नहीं हे इसलिए में यहाँ इस लेख के माध्यम से आपको छोटी से छोटी जानकारी जो की आपके लिए जानना जरुरी हे लिख रहा हु ताकि आप होस्टिंग को ले कर आप आपके भविष्य में होने वाले अतिरिक्त खर्चो से बच पाए।

होस्टिंग (Hosting) क्या होता हे ?

यदि आप नहीं जानते की होस्टिंग क्या होता हे तो बिलकुल आसान शब्दों में आप इसे मेमोरी कार्ड के उदहारण से समज सकते हे। जिस प्रकार आपके फ़ोन में मेमोरी कार्ड मोबाइल में मौजूद सभी तरह के कंटेंट जिसमे टेक्स्ट फाइल, पीडीफ, आपके वीडियो, एवं आपके फोटो को स्टोर करने के काम आता हे ठीक उसी तरह से होस्टिंग में आपकी वेबसाइट के सारे कंटेंट जिसमे टेक्स्ट, पीडीफ, आपकी वेबसाइट पर अपलोड होने वाले वीडियो एवं वेबसाइट पर अपलोड होने वाले फोटो और वेबसाइट की कोडिंग स्टोर की जाती हे।
उम्मीद हे आपको इस उदाहरण से होस्टिंग की परिभाषा बिल्कुल आसानी से समज में आ गयी होगी।

फ़िलहाल के लिए आप बस इतना समज लीजिये की जब भी आपको ऑनलाइन में आपकी वेबसाइट के लिए कुछ भी कंटेंट डालने होंगे तो वो सभी कंटेंट होस्टिंग के माध्यम से होस्ट होंगे और होस्टिंग पर जा कर सेव होंगे। होस्टिंग अलग अलग टाइप होते हे और उसी हिसाब से आपको उसके लिए पेमेंट भी करना होता हे। सीधा सा हिसाब देखा जाये तो जितना ज्यादा पेमेंट उतनी अच्छी होस्टिंग।

1 – मार्किट में आपको बहुत सी बार फ्री होस्टिंग प्लान्स के नाम पर कई सारे ऑफर्स देखने मिल जायेंगे आपको उनके जाल में नहीं फसना हे क्युकी फ्री की चीज़े काफी लिमिटेड होती हे और होस्टिंग कंपनी कैसे भी कर के आपको अपना कस्टमर बनाना चाहती हे क्युकी जा एक बार वेबसाइट बन जाती हे तो उसे दूसरी होस्टिंग पर शिफ्ट करना लगभग लगभग एक और नयी वेबसाइट बनाने के समान कार्य ही होता हे और मुख्य बात यहाँ आती हे डेटाबेस बैकअप की यानि की आपकी वेबसाइट का जो डाटा हे यदि वो काफी बड़ा हे साइज में जैसे उदाहरण के लिए मान लीजिये आपकी वेबसाइट का कुल (टोटल) डाटा कम से कम 50 GB हे तो ऐसे में आप सोच सकते हे की 50 GB डाटा एक होस्टिंग से दूसरी होस्टिंग में ट्रांसफर करने में कितना समय लगेगा और साथ ही उस होस्टिंग को दूसरी होस्टिंग से कनेक्ट करना और व्यवस्थित करना काफी समय बर्बाद करने वाला प्रोसेस होगा।
2 – डेटाबेस शिफ्ट के दौरान आपकी वेबसाइट पूरी तरह से बंद करनी होगी जिससे आपका ऑनलाइन बिज़नेस उस वेबसाइट से पूरी तरह ठप पड़ जायेगा।
3 – आपकी बंद पड़ी वेबसाइट पर जब कस्टमर आएंगे तो हो सकता हे उनके मन में बंद पड़ी वेबसाइट को देख कर आपके बिज़नेस के प्रति शंकाये उतपन्न हो और ऐसे में वो लोग आपको भविष्य में पेमेंट करने से भी कतराएंगे जिसका सीधा सा असर आपके बिज़नेस पर ही देखा जायेगा।
4 – आपकी वेबसाइट पर आने वाला ट्रैफिक प्रभावित होगा जिससे गूगल एवं अन्य सर्च इंजन में आपकी वेबसाइट का SEO भी ख़राब होगा।
5 – यदि आप आपकी वेबसाइट को ले कर तरह तरह की मार्केटिंग के प्रयास कर रहे हे और खर्चा भी कर रहे हे तो ऐसे में बंद पड़ी वेबसाइट को देख कर लोग वापस चले जायेंगे जिससे आपका जो इन्वेस्टमेंट मार्केटिंग में लगा हे उसमे भी आपको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
ये बहुत छोटी छोटी बाते हे जिनकी की अक्सर आम आदमी इग्नोर कर के चलता हे क्युकी जब फ्री की चीज़ सामने मिल रही होती हे तो लोगो का दिमाग उस फ्री शब्द से पूरी तरह से ब्लॉक हो जाता हे और ये बात आपको तब समज आती हे जब इसे आपको सही मायने में झेलना पड़ता हे। परन्तु आज आपके पास मेरे इस ब्लॉग और अपने निजी अनुभवों को इस लेखन में उतार देने से हो सकता हे आप सही और गलत में सही से फर्क कर पाए।

होस्टिंग खरीदते वक़्त आपको किन बातो का ध्यान रखना चाहिए ?

होस्टिंग खरीदते समय आपको कई बातो का ध्यान रखना होता हे जिसमे टेक्निकल और आम बाते दोनों का ही ध्यान रखना जरुरी।
1 – सबसे पहले आप अपने बिज़नेस की जरूरते देखे यदि आपका बिज़नेस अभी छोटा हे या शुरुवात हे तो ऐसे में आपको शेयर्ड, वर्डप्रेस होस्टिंग या फिर क्लाउड होस्टिंग खरीदनी चाहिए।
हर वेबसाइट होस्टिंग में अपने अपने प्लान रखती हे जिसमे कुछ फीचर्स बढ़ा देती हे तो कुछ कम कर देती हे।

2 – होस्टिंग खरीदते वक़्त होस्टिंग में आपको कितना स्टोरेज मिल रहा इस बात का जरूर ध्यान रखे।

3 – होस्टिंग खरदीते वक़्त इस बात पर जरूर ध्यान दे की आपकी वेबसाइट एक वक़्त में कितना ट्रैफिक या लोगो को वेबसाइट पर झेल सकती है यदि आप ऐसा नहीं करते हे तो आपको अक्सर सर्वर डाउन की शिकायत का सामना करना पड़ेगा जिसका साफ मतलब होगा सर्वर डाउन होने की वजह से आपकी वेबसाइट बंद हे। इसमें आपको बैंडविड्थ फीचर का भी ध्यान रखना होगा।

4 – होस्टिंग में मिलने वाली रेम की मात्रा कितनी हे। जितनी ज्यादा अच्छी रेम उतनी ज्यादा अच्छी होस्टिंग की सर्विस। रेम की सुविधा आपको शेयर्ड होस्टिंग प्लान में नहीं मिलेगी।

5 – सिक्योरिटी – अक्सर लोग ऑनलाइन काम करते हे पर सिक्योरिटी पर ध्यान नहीं देते जिसका पता हमेशा हैकिंग जैसी समस्या का सामना कर करने पर ही होता हे। ऐसे में वेबसाइट होस्टिंग के साथ साथ वेबसाइट की होस्टिंग के साथ साथ मिल रहे सिक्योरिटी फीचर पर भी ध्यान देना चाहिए। डेडिकेटेड आई पी वाली होस्टिंग बाकि वेबसाइट के मुकाबले सुरक्षित मानी जाती हे जबकि शेयर्ड होस्टिंग में सिक्योरिटी फीचर्स कम मिलते हे। इसके अलावा फ़ायरवॉल, मैलवेयर स्कैनर, नेम सर्वर जैसे सिक्योरिटी फीचर्स भी मायने रखते हे।

6 – वीडियो होस्टिंग – यदि आपकी वेबसाइट के कंटेंट ऐसे हे जिसमे वीडियो भी हे तो ऐसे में आपको अलग से वीडियो होस्टिंग खरीदनी होगी जिससे की आपकी वेबसाइट पर लोड टाइम न बढे और आपकी वेबसाइट का सर्वर डाउन न हो जाये। क्युकी होस्टिंग से सर्वर रिसोर्सेज होता हे इससे होस्टिंग पर पड़े बाकि कंटेंट भी लोड ले कर धीरे धीरे प्रोसेस करने लगते हे ऐसे में यदि आप एक टीचर हे या टीचिंग से रिलेटेड कोई वेबसाइट बनवा रहे हे तो आपको वीडियो होस्टिंग अलग से ही खरीदनी होगी।

7 – सर्वर डाटा सेंटर – सर्वर जिससे की आपकी होस्टिंग होस्ट हो रही होगी वो कोनसे देश में हे इस बात का असर भी आपको वेबसाइट पर देखने मिलेगा यदि आपके कस्टमर भारत से हे और आपकी होस्टिंग कंपनी आपको USA के सर्वर से होस्टिंग सर्विस दे रही हे तो ऐसे में आपकी वेबसाइट भारत के कस्टमर के लिए ओपन होने में थोड़ा सा टाइम ले सकती हे, ये वक़्त काफी कम सेकंड का भी हो सकता हे और कुछ मिनटों का भी ये पूरी तरह से आपके होस्टिंग प्लान पर ही निर्भर करेगा। अधिकतर सर्वर विदेशो में स्थित होने से आपको USA के सर्वर ही सस्ते में मिलेंगे ।

8 – ऑटो बैकअप सुविधा – होस्टिंग के साथ साथ आपको ऑटो बैकअप की सुविधा मिल रही हे या नहीं जिससे मान लो कभी आपकी वेबसाइट में वायरस लग गए तो आप आपकी होस्टिंग को पुरानी तारीख में से बैकअप चुन कर पहले की तरह कर सकते हे।

कोनसी होस्टिंग आपको खरीदनी चाहिए ?

होस्टिंग खरीदने के लिए उप्पर जितनी भी बाते लिखी हे यदि आप उनपे ध्यान देते हे तो आप एक अच्छी होस्टिंग खरीद सकते हे परन्तु सारी सुविधाएं आपको एक ही जगह मिले ये जरुरी नहीं या सारी सुविधा मिलने पर आपके होस्टिंग की रेट भी ज्यादा हो सकती हे। इसलिए यदि आपका बिज़नेस छोटा हे तो आप होस्टिंगर की शेयर्ड होस्टिंग या वर्डप्रेस होस्टिंग खरीद सकते हे। और यदि आपका बजट अच्छा हे तो आप क्लाउड होस्टिंग से निचे की होस्टिंग न ख़रीदे। VPS होस्टिंग प्लान में आप तभी ख़रीदे जब आपको प्रॉपर कोडिंग आती हो या आपके पास उसे मैनेज करने वाला जानकर हो यदि आप डेडिकेटेड होस्टिंग खरीदते हे तो आपको होस्टिंग खरीदते हे तो आपको शेयर्ड होस्टिंग की तुलना में सिक्योरिटी ज्यादा मिलेगी क्युकी शेयर्ड होस्टिंग में आपकी होस्टिंग दूसरे लोगो के साथ भी शेयर होती हे जिससे यदि उनकी वेबसाइट में वायरस लगता हे तो वो वायरस आपकी वेबसाइट तक भी पहुंच सकता हे। यानि किसी एक की गलती से सबको भुगतना पड़ सकता हे।

ऑनलाइन बिजनेस बढ़ाना हे तो यह तरीके अपना लो 100% फायदा होगा ऑनलाइन बिजनेस बढ़ाना हे तो यह तरीके अपना लो 100% फायदा होगा

ऑनलाइन बिजनेस बढ़ाना हे तो यह तरीके अपना लो 100%

ऑनलाइन बिजनेस बढ़ाना हे तो यह तरीके अपना लो 100% फायदा होगा – आपको आपके बिज़नेस में रिजल्ट्स कुछ ही…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *